- भस्म आरती: बिलपत्र, रुद्राक्ष की माला, रजत मुकुट और आभूषण अर्पित कर राजा स्वरूप में किया गया भगवान महाकाल का श्रृंगार!
- आज से शुरू श्राद्ध पक्ष: मोक्षदायिनी शिप्रा में तर्पण, पिंडदान और श्राद्ध कर्म का विशेष महत्व, नगर निगम ने श्रद्धालुओं की सुविधाओं के लिए की व्यवस्था
- राष्ट्रपति के आगमन पर महाकाल मंदिर में खास तैयारी शुरू: नंदीहाल और गर्भगृह में राजसी साज-सज्जा, प्रोटोकॉल व टिकट व्यवस्था बंद; 1800 से अधिक जवान रहेंगे तैनात
- उज्जैन में मंगलवार को धूमधाम से मनाया गया अनंत चतुर्दशी पर्व: रात 11 बजे निकला झिलमिलाती झांकियों का कारवां, नगर पालिका ने की विशेष व्यवस्थाएं
- कल उज्जैन आएंगी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू : मिनट-टू-मिनट शेड्यूल हुआ जारी, सफाई मित्र सम्मेलन में शामिल होने के साथ उज्जैन-इंदौर सिक्स लेन का करेंगी भूमिपूजन; बाबा महाकाल के दर्शन भी करेंगी...
उज्जैन में मंगलवार को धूमधाम से मनाया गया अनंत चतुर्दशी पर्व: रात 11 बजे निकला झिलमिलाती झांकियों का कारवां, नगर पालिका ने की विशेष व्यवस्थाएं
उज्जैन लाइव, उज्जैन, श्रुति घुरैया:
मंगलवार को उज्जैन में अनंत चतुर्दशी का पर्व धूमधाम से मनाया गया। इस दौरान रात 11 बजे उज्जैन के चामुंडा माता चौराहा पर नगर पालिका निगम की झिलमिलाती झांकियों का कारवां निकाला गया।
बता दें, 31-31 फीट कुल 3 ट्रॉलियों में झांकियां सजाई गई थीं। पहली ट्रॉली में भगवान श्रीकृष्ण गोपियों के साथ रासलीला करते दर्शन दे रहे थे। उनके साथ अन्य देवता भी थे। दूसरी ट्रॉली में महर्षि विश्वामित्र ऋषियों के साथ यज्ञ करते, उसमें अवरोध डालने वाले असुर सुबाहु और मारीच का श्रीराम-लक्ष्मण उद्धार करते दिखाई दिए और तीसरी ट्रॉली में गणेशजी विराजमान होकर भक्तों को दर्शन दे रहे थे।
वहीं, अनंत चतुर्दशी पर गणेश विसर्जन के लिए नगर निगम द्वारा व्यवस्थाएं की गई थीं। गणेश प्रतिमाओं के विसर्जन के लिए नगर निगम द्वारा निगम आयुक्त आशीष पाठक के निर्देशानुसार वर्कशॉप विभाग द्वारा विसर्जन रथ वाहन और क्रेन तैयार किए गए थे, जिनमें गणेश प्रतिमाओं को सुव्यवस्थित ढंग से रखते हुए निर्धारित स्थल पर विसर्जन किया गया।
वहीं, हीरा मिल कुंड एवं केडी पैलेस पर विसर्जन के लिए नगर निगम द्वारा 10 विसर्जन रथ और 2 क्रेन की सुविधा करवाई गई। साथ ही पर्यावरण एवं जल संरचनाओं की स्वच्छता को दृष्टिगत रखते हुए पूजन एवं निर्माल्य सामग्री के लिए पृथक से वाहन की व्यवस्था की गई। रामघाट, त्रिवेणी, गऊघाट, लालपुल, मंगलनाथ आदि घाटों पर भी कर्मचारियों को तैनात किया गया था।